tag:blogger.com,1999:blog-6215700670796750066.post2306213455752025126..comments2023-10-03T14:11:50.485+05:30Comments on दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान- पत्रिका: जगहंसाई-हिन्दी शायरी (jaghasai-hindi shayari)दीपक भारतदीपhttp://www.blogger.com/profile/06331176241165302969noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-6215700670796750066.post-16799434836264807532010-06-03T23:45:52.960+05:302010-06-03T23:45:52.960+05:30कह दिये किसी ने अपशब्द
भूल जाने में ही भलाई है,
रो...कह दिये किसी ने अपशब्द<br />भूल जाने में ही भलाई है,<br />रोकर सभी को दर्द बयान करने<br />व्यर्थ में ही जंगहंसाई है,<br />बोलने वाले को जलने दो<br />अपनी आग में<br />तुम क्यों याद कर<br />अपनी सोच को कांटों पर चला रहे हो।<br />बिल्कुल सही !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.com