tag:blogger.com,1999:blog-6215700670796750066.post2206727862441001386..comments2023-10-03T14:11:50.485+05:30Comments on दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान- पत्रिका: यौन शिक्षा चाहिए या ब्रह्मचर्य का ज्ञान-व्यंग्यदीपक भारतदीपhttp://www.blogger.com/profile/06331176241165302969noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-6215700670796750066.post-26692999140362933122012-02-04T11:24:53.032+05:302012-02-04T11:24:53.032+05:30please Read " Divya Prerna Prakash " and...please Read " Divya Prerna Prakash " and Youvan-Suraksha -2 "ravi kumarhttps://www.blogger.com/profile/03718537179821105245noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6215700670796750066.post-84595122812641889342011-09-17T03:25:53.274+05:302011-09-17T03:25:53.274+05:30आपका यह लेख मैंने बहुत पहले पढ़ा था, और काफी अच्छा...आपका यह लेख मैंने बहुत पहले पढ़ा था, और काफी अच्छा लगा था। मैंने ब्रह्मचर्य पर ब्लॉग <a href="http://brahmacharyam.blogspot.com" title="http://brahmacharyam.blogspot.com" rel="nofollow">http://brahmacharyam.blogspot.com</a> लिखने का विनम्र प्रयास किया है। कृपया एक बार अवश्य पधारें। धन्यवाद।भारतज्ञानhttps://www.blogger.com/profile/03771665383728078640noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6215700670796750066.post-6488324616149943162008-05-07T16:09:00.000+05:302008-05-07T16:09:00.000+05:30किसी पशू को आपने पाक कला सीखते देखा है? पेट तो वे ...किसी पशू को आपने पाक कला सीखते देखा है? पेट तो वे भी भरते है.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6215700670796750066.post-73469646513824944182008-05-07T01:58:00.000+05:302008-05-07T01:58:00.000+05:30दीपक जी,आप यह कह कर कहें कि ऐसा आपका मानना है तो ठ...दीपक जी,<BR/>आप यह कह कर कहें कि ऐसा आपका मानना है तो ठीक है, लेकिन आप इतने सारे तथ्यों को यह कहकर प्रस्तुत कर रहे हैं जैसे यही परम सत्य है।<BR/>आपने कहा कि <BR/>वीर्यरस रहने से ही आत्मविश्वास, बुद्धि, उत्साह, शक्ति इत्यादि आती है। जो युवावस्था में इसमें अधिक लिप्त होते हैं वह जीवन में विकास वैसा नहीं कर पाते जैसा कम लिप्त होने वाले कर पाते हे।<BR/>यह सब तथ्य आप कहाँ से लाए? क्या एक भी बात को सिद्ध करने के लिए आपके पास प्रमाण है?<BR/>इन सब बातों को विज्ञान की कसौटी पर परखिए। क्या ज्यादा देखने से आँखें खराब होती हैं, ज्यादा सुनने से कान खराब होते हैं?<BR/>धर्मग्रंथ भी पढ़ें तो उनमे लिखे ब्रह्मचर्य के अर्थ को ही तोड़ मरोड़ दिया गया है। इसका अर्थ संयम है, सैक्स न करना नहीं।<BR/>आप जिन भारतीयों को ज्ञानी बता रहे हैं, उनकी जनसंख्या देखिए, उनके देश में एड्स के रोगियों की संख्या देखिए, फिर कहिए कि किसे यौन शिक्षा की जरूरत है?<BR/>हम यौन शिक्षा का अर्थ पॉर्नोग्राफ़ी समझ रहे हैं, सारी समस्या यही है। <BR/>ये बिगाड़ने के लिए नहीं, भले के लिए है।गौरव सोलंकीhttps://www.blogger.com/profile/12475237221265153293noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6215700670796750066.post-7328238607369566382008-05-07T01:15:00.000+05:302008-05-07T01:15:00.000+05:30दीपक भाई मुझे नही मालुम आप उम्र मे मेरे से छोटे हे...दीपक भाई मुझे नही मालुम आप उम्र मे मेरे से छोटे हे या बडे, लेकिन मे आप के विचारो से आप कॊ अपने से भी बडा मानता हू,इतना समय नही मिलता की आप के सभी लेख पढ सकु, लेकिन जितने भी पढे, पढ कर गर्व महसुस किया,<BR/>मे यौन शिक्षा देने वालो को दिमागी तोर पर बिमार समझता हु,आप का बहुत बहुत धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.com