tag:blogger.com,1999:blog-6215700670796750066.post5179320053533214774..comments2023-10-03T14:11:50.485+05:30Comments on दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान- पत्रिका: इंसाफ की डगर पे, बच्चों दिखाओ चलके-व्यंग्यदीपक भारतदीपhttp://www.blogger.com/profile/06331176241165302969noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-6215700670796750066.post-88275647540132161942008-08-16T15:20:00.000+05:302008-08-16T15:20:00.000+05:30बहुत सुन्दर लिखा है। बधाई।बहुत सुन्दर लिखा है। बधाई।शोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6215700670796750066.post-27079735458936906482008-08-16T00:39:00.000+05:302008-08-16T00:39:00.000+05:30आज नकद , कल उधार वाली बात चरितार्थ होगी। हर पीढ़ी ...आज नकद , कल उधार वाली बात चरितार्थ होगी। हर पीढ़ी आनेवाली पीढ़ी को ही संदेश देता रहे आर खुद इंसाफ की डगर पर नहीं चल दिखाए।संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6215700670796750066.post-74500034798861295152008-08-15T19:26:00.000+05:302008-08-15T19:26:00.000+05:30बच्चों से यह कहने की हिम्मत किस में है? कोई बड़ा ह...बच्चों से यह कहने की हिम्मत किस में है? कोई बड़ा ही इंसाफ की डगर पर चल दिखाए।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6215700670796750066.post-68466205667293344302008-08-15T18:25:00.000+05:302008-08-15T18:25:00.000+05:30इस लेख के लिए निसंदेह आप बधाई के पत्र है ...धन्यवा...इस लेख के लिए निसंदेह आप बधाई के पत्र है ...धन्यवाद् ...स्वीकार करे ...बधाई ....Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14677200283325494584noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6215700670796750066.post-51418583635474342322008-08-15T18:23:00.000+05:302008-08-15T18:23:00.000+05:30स्वतंत्रता दिवस की बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं.स्वतंत्रता दिवस की बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6215700670796750066.post-34162955194405577292008-08-15T18:09:00.000+05:302008-08-15T18:09:00.000+05:30"बच्चे बड़े हो गये पर उन्होंने भी फिर अपनी आगे वाल..."बच्चे बड़े हो गये पर उन्होंने भी फिर अपनी आगे वाली पीढ़ी के लिये गाया‘इंसाफ की डगर पे, बच्चों दिखाओ चलके’। मतलब हमें नहीं चलना। हम तो लाचार हैं तुम ही चलाना।"<BR/><BR/>एकदम करारा ब्यंग्य लिखा है।नयनसुखhttps://www.blogger.com/profile/00337537757591753030noreply@blogger.com