समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

Wednesday, May 23, 2018

हुकुम अब नाकाबिलों के हाथ है-दीपकबापूवाणी (Hukum naklabion ke haath hai-DeepakBapuWani)


पद पैसे का बल सबकी गर्दन तनी है,
गोया दुनियां उनके साथ ही बनी है।
कहें दीपकबापू बंदे बहुत कम मिले
जिनकी वाणी ज्ञान में घनी है।
---
न घर न दिल की गदगी हटायें,
स्वर्ग की चिंता में उम्र घटायें।
कहें दीपकबापू भक्ति का पाखंड
सोच यह कि धन के सौदे पटायें।
---

रास्ते में कहीं धूप कहीं छांव,
साथी उदासी शहर हो या गांव।
कहें दीपकबापू क्यों बेजार दिल
जब चल रहे अपने ही दम पांव।
---
हुकुम अब नाकाबिलों के हाथ है,
रहम अब बेदर्दों के साथ है।
कहें दीपकबापू करुण रस सूखा
उम्मीद भी पत्थर दिलों के हाथ है।
--
भूख का दौर बार बार क्यों आता है,
रोटी का चेहरा इतना क्यों भाता है।
कहें दीपकबापू देने वाले राम
इंसान को चिंतायें क्यों गाता है।
----

No comments:

लोकप्रिय पत्रिकायें

विशिष्ट पत्रिकायें

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर