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Sunday, January 10, 2010

वफादारी का लफ्ज भरना-हिन्दी शायरी (vafadari aur lafza-hindi shayri)

रिश्ते किसी तरह निभाऐं,

दिल में न हो पर

दुनियां को दिखाऐं।

सभी टूटे हुए हैं जमाने से

पर छिपा रहे हैं

आप भी छिपायें।

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अपनी नीयत में कभी खोट

नहीं पालना

जला कर राख कर देगा।

छलियों पर नज़र रखना पर

छल को दिल में जगह

कभी मत देना

तुम्हें ही खाक कर देगा।

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लोग दिखाने के लिये दर्द दिखा रहे हैं

तुम भी हमदर्दी दिखा देना।

जिनको सच में है तकलीफ

वह बताने नहीं आयेंगे

तुम उन तक पहुंच कर मदद बांटना

हमदर्दी का पाठ दुनियां को सिखा देना।

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पल पल धोखा खाकर भी

किसी से गद्दारी मत करना।

जिन्होंने तोड़े हैं दिल

वह भी कोई जन्नत में नहीं गये

वफा जिनको नहीं आयी

बना नहीं सके वह दोस्त नये,

तुम हर दर्द भूल जाओगे

बस अपने हाथ से

सभी जगह वफादारी का लफ्ज भरना।

कवि, लेखक और संपादक-दीपक भारतदीप,Gwalior
http://dpkraj.blogspot.com

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