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दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

Sunday, June 22, 2008

खामोशी तब दर्द का इलाज हो जाती है-हिन्दी शायरी

जुबान कभी नहीं बोलती
तब खामोशी बहुत कुछ कह जाती है
शब्दों का दिल से बाहर आना
बेकार लगता है
तब आखें दर्द दिखा जातीं है
जब लोग भीड़ में चिल्ला रहे हों
अकेले में भी अपनी जुबान से इठला रहे हों
तब खामोशी से दोस्ती कर लो
वही दर्द का इलाज हो जाती है
................................
दीपक भारतदीप

1 comment:

Anonymous said...

bhut hi sundar rachana.badhai ho.

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