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Saturday, October 25, 2008

कुछ होती कहानी तो कुछ अफ़साना बन जाता है-हिन्दी शायरी

अपने ख्यालों की दुनिया
कुछ लोग यूं बसा लेते हैं
कि आँखों से देखते हैं जो सामने
उसे गौर से देखने की बजाय अपने
नजरिये जैसा ही समझकर
उस पर अपने ख्याल बना लेते हैं
अक्सर धोखा होता है
ऐसे ही उनके साथ
इसका अहसास होता है तब
जब गर्दन अपनी कहीं फंसा लेते हैं
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आग से आग नहीं बुझती
पर लोहे से लोहा तो कट ही जाता है
कांटे से काँटा निकलता है
जहर से जहर ही कटता है
पर नफरत से नफ़रत नहीं कटती
प्यार से प्यार बढ़ता है
समय और हालतों से उसूल बदल जाते हैं
ओ किताब पढ़कर जमाने को
समझाने वालों
लिखा हुआ है किताब में
हमेशा सच नहीं होता
कुछ होती है कहानी तो
कुछ अफ़साना बन जाता है

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