जिंदगी भर ख्वाहिशों की फसल बोते रहे
कुछ पर फल लगे, बाकी पर उम्मीद ढोते रहे
प्यार के लिये की खाली पलों की तलाश
पर हिसाब किताब में जिंदगी खोते रहे
खुशियां किसी पेड़ पर नहीं उगा सके
जिस दिल में रहती हैं उसे जगा नहीं सके
जुबान जो बात कह सकती हैं लफ्जों में
उसको समझाने के लिये दौलत के
आंकड़ों का बनाया जाल
जिसमें फंसकर बस रोते रहे
कहें महाकवि दीपक बापू
बरसता है पानी तभी होती है फसल
लहलहाते खेत जब मेहनत होती असल
नीयत बूरी हो तो खेल बिगड़ जाते
मतलब अपने हमेशा नहीं निकल पाते
प्यार पाने से पहले करना जरूरी है
समय रहते होश में आ जाओ
नहीं तो फिर आयेगा एक दिन वह जब
कहोगे हम अपनी जिंदगी बिना चैन के ढोते रहे
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दीपक भारतदीप
समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता है-पतंजलि योग सूत्र
(samadhi chenge life stile)Patanjali yog)
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*समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता
है।-------------------योगश्चित्तवृत्तिनिरोशःहिन्दी में भावार्थ -चित्त की
वृत्तियों का निरोध (सर्वथा रुक ज...
3 years ago
3 comments:
बरसता है पानी तभी होती है फसल
लहलहाते खेत जब मेहनत होती असल
नीयत बूरी हो तो खेल बिगड़ जाते
मतलब अपने हमेशा नहीं निकल पाते
प्यार पाने से पहले करना जरूरी है
समय रहते होश में आ जाओ
नहीं तो फिर आयेगा एक दिन वह जब
कहोगे हम अपनी जिंदगी बिना चैन के ढोते रहे
bahut hi khubsurat baat kahi,badhai.
बरसता है पानी तभी होती है फसल
लहलहाते खेत जब मेहनत होती असल
नीयत बूरी हो तो खेल बिगड़ जाते
मतलब अपने हमेशा नहीं निकल पाते
aapne ye sabdon main zindgi ka saar rakh diya hai
प्यार के लिये की खाली पलों की तलाश
पर हिसाब किताब में जिंदगी खोते रहे
bhut sundar. sundar rachana ke liye badhai.
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