सिद्धांतों का तो बस नाम होता है
पर्दे के पीछे तो पैसे का काम होता है
लोगों की एकता के लिये करते हैं वह शो
गाते हैं बस उसका नाम, जेब भरता है जो
इशारों को समझा करो
लिख गया है शब्द, उसे पढ़ा करो
दिल बहलाने के लिये इंसानों के जज्बात से
खेलते हैं सौदागर
जहां से आती है दौलत की सौगात
उसका ही गुणगान करते हैं वो
परदेसियों के इशारों पर देश को नचाते हैं वो
अपनों से दिल के रिश्ते का दिखावा
खूब वह करते हैं
नजरें बाहर लगाये रहते हैं वो
दिखा रहे हैं वह
उसे अनदेखा कर डालो नजर उस पर
छिपा रहे हैं जो
आंखों में कुछ और दिखाते
दिल में किसी और को बसाते
वफा की बात करते हैं वह हमेशा
बिक जाते हैं हर अगले पल जो
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3 years ago
1 comment:
दीपक जी,बढिया रचना है।बधाई स्वीकारे।
सिद्धांतों का तो बस नाम होता है
पर्दे के पीछे तो पैसे का काम होता है
लोगों की एकता के लिये करते हैं वह शो
गाते हैं बस उसका नाम, जेब भरता है जो
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