समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

Tuesday, November 25, 2014

भक्ति और भक्त का रहस्य-हिन्दी कविता(bhakti aur bhakt ka rahasya-hindi poem)



कोई भोजन करने
कोई भजन सुनने
सर्वशक्तिमान के दरबार में
हाजिरी लगाता है।

हृदय में हो या नहीं
हाथ नचाकर
अपना विश्वास जताता है।

कहें दीपक बापू भक्ति का रहस्य
नहीं समझता कोई
भक्त के मन की भी
खबर किसी को नहीं
मगर तोल रहे  खबरची
अंधविश्वास का वजन
चीख चीख कर सुना रहे
पर वह बढ़ नहीं पाता है।
------------------------

लेखक एवं कवि-दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप,
ग्वालियर मध्यप्रदेश
writer and poet-Deepak raj kukreja "Bharatdeep",Gwalior madhya pradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक ‘भारतदीप’,ग्वालियर  

athor and editor-Deepak  "Bharatdeep",Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com

Saturday, November 15, 2014

संवेदनाओं के साथ अकविता में कवित्व-हिन्दी कविता(sanwedanaon ke sath akvita mein kavitva-hindi kavita)




कभी कभी हम
कुछ पंक्तियों में
अपनी बात कह जाते हैं।
हालातों से बेजार ज़माना
भटका है बाज़ार की
भूलभुलैया में
किससे कहें अपने शब्द
लोगों के कान
अपने मतलब की बात
सुनने के लिये ही रहते आतुर
हम स्वयं से ही कहते
दिल की बात
कागज अपना साथी बनाते हैं।
कहें दीपक बापू संवेदना से
जिनका नाता है
वही अकविता में भी
कवित्व समझ पाते हैं। 
------------------------------------------


लेखक एवं कवि-दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप,
ग्वालियर मध्यप्रदेश
writer and poet-Deepak raj kukreja "Bharatdeep",Gwalior madhya pradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक ‘भारतदीप’,ग्वालियर  

athor and editor-Deepak  "Bharatdeep",Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com

Friday, November 7, 2014

प्रचार के दम पर-हिन्दी कविता(prachar ke dum par-hindi poem)



सफेद कागज पर
काली स्याही से
बहुत सारे महापुरुषों के
किस्से लिखे हैं।

सत्य के रास्ते पर जो चले
जनमानस के हृदय पर
देवता की तरह बसे
कुछ ऐसे भी रहे
जिन्होंने प्रचार के दम पर
काम से ज्यादा नाम पाया
नारेबाजों के स्वर में टिके हैं।

कहें दीपक बापू देहधारियों से
हमेशा देवत्व दिखाने की
आशा नहीं की जा सकती,
कभी माया की मजबूरी भी
देवों के सामने भी खड़ी लगती,
फिर भी जिन्होंने मनुष्य समाज में
चेतना की ज्योति जगाई,
अज्ञान के अंधेरे में
ज्ञानी की आग लगाई,
उनके लिये हृदय में
पवित्रता का भाव आता
मगर जिन्होंने चालाकियों से
लोगों को बहलाया
उनके एतिहासिक शब्द
केवल चेलों की चाल पर बिके  हैं।
----------------------------

लेखक एवं कवि-दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप,
ग्वालियर मध्यप्रदेश
writer and poet-Deepak raj kukreja "Bharatdeep",Gwalior madhya pradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक ‘भारतदीप’,ग्वालियर  

athor and editor-Deepak  "Bharatdeep",Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com

लोकप्रिय पत्रिकायें

विशिष्ट पत्रिकायें

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर