समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

Wednesday, April 22, 2009

परदे के पीछे और सामने-हिंदी व्यंग्य कविता

परदे के सामने जो उन्होंने दिखाया
अपनी समझ में नहीं आया
हमने कहा
‘हमें परदे के पीछे ले जाओ।
बाकी हम समझ लेंगे
तुम मत समझाओ’।

वह बोले
‘यहां परदे के सामने
आकर ही खेल देखने की
तुमको इजाजत मिली है
परदे के पीछे का खेल
देखना इतना आसान नहीं
वहां की बात तो हम भी
नहीं कर सकते
अपनी जुबान इस तरह सिली है
यहां चलते फिरते और बोलते
हमारे बुत एकदम प्रशिक्षित हैं
खेल चाहे जो भी हो यही सामने आयेंगे
कभी थोड़ी देर के लिये बुत सजायेंगे
फिर उसकी जगह दूसरा ले आयेंगे
यह रंगमंच सजाया है हमने
जिनकी मर्जी से
कितने भी बादशाह हों कहीं के तुम
नाराज हो गये वह तो
शतरंज की इस बिसात पर
देंगे वह मात अपने फर्जी से
परदे के पीछे धुप अंधेरे में बैठे हैं
दौलत और शौहरत बेचने वाले
अंधे सौदागर
तुम उनकी असलियत देख लोगे
तो डर जाओगे
इसलिये परदे के सामने
खेल देखकर सीधे अपने घर जाओ।

.........................
यह हिंदी शायरी मूल रूप से इस ब्लाग
‘दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान-पत्रिका’
पर लिखी गयी है। इसके अन्य कहीं प्रकाशन के लिये अनुमति नहीं है।
अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की हिंदी पत्रिका
2.दीपक भारतदीप का चिंतन
3.अनंत शब्दयोग
कवि और संपादक-दीपक भारतदीप

4 comments:

इष्ट देव सांकृत्यायन said...

उम्दा!!

परमजीत सिहँ बाली said...

उम्दा!!

RAJ SINH said...

पर्दा है पर्दा......पर्दा --------का (?) :)

Anonymous said...
This comment has been removed by a blog administrator.

लोकप्रिय पत्रिकायें

विशिष्ट पत्रिकायें

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर