नारे लेकर वह समाज में
चेतना लायेंगे,
मसलों का हल होना नहीं है
खोखले वादों का प्रमाणपत्र लेकर
जीत का जश्न मनायेंगे।
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देश में जिसे देखो
समाज में चेतना ला रहा है,
हर कोई अपने नुस्खों का महत्व
शोर के साथ सुना रहा है,
कहें दीपक बापू
बरसों से कोई मसला नहीं हुआ हल,
इतिहास में दर्ज होते नये महापुरुषों के नाम
देखकर दिमाग जाता है आग से जल,
समाज का कल्याण व्यापार बन गया है
हर सौदागर
प्रचार के लिये विज्ञापनों का जाल बुना रहा है।
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चेतना लायेंगे,
मसलों का हल होना नहीं है
खोखले वादों का प्रमाणपत्र लेकर
जीत का जश्न मनायेंगे।
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देश में जिसे देखो
समाज में चेतना ला रहा है,
हर कोई अपने नुस्खों का महत्व
शोर के साथ सुना रहा है,
कहें दीपक बापू
बरसों से कोई मसला नहीं हुआ हल,
इतिहास में दर्ज होते नये महापुरुषों के नाम
देखकर दिमाग जाता है आग से जल,
समाज का कल्याण व्यापार बन गया है
हर सौदागर
प्रचार के लिये विज्ञापनों का जाल बुना रहा है।
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संकलक, लेखक और संपादक-दीपक ‘भारतदीप’,ग्वालियर
athor and editor-Deepak "Bharatdeep",Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
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यह पाठ मूल रूप से इस ब्लाग‘दीपक भारतदीप की अंतर्जाल पत्रिका’ पर लिखा गया है। अन्य ब्लाग
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