जोर से चिल्लाओं
बेबस, गरीब और मरीजों की सेवा करेंगे,
कुछ कायदे कागज पर छपवाओ
सारे जहान के घर में मेवा भरेंगे।
कहें दीपक बापू
झूठ बिना पांव के
इसलिये उड़ता चलेगा,
तुम ही नहीं
तुम्हारा भाविष्य का खानदान भी
इतिहास के सहारे पलेगा,
अगर चले सत्य की राह
कुब्बत होगी तो
चढ़ जाओगे आसमान पर
वरना गैर ही क्या
अपने ही तुम पर हंसेंगे।
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बेबस, गरीब और मरीजों की सेवा करेंगे,
कुछ कायदे कागज पर छपवाओ
सारे जहान के घर में मेवा भरेंगे।
कहें दीपक बापू
झूठ बिना पांव के
इसलिये उड़ता चलेगा,
तुम ही नहीं
तुम्हारा भाविष्य का खानदान भी
इतिहास के सहारे पलेगा,
अगर चले सत्य की राह
कुब्बत होगी तो
चढ़ जाओगे आसमान पर
वरना गैर ही क्या
अपने ही तुम पर हंसेंगे।
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संकलक, लेखक और संपादक-दीपक ‘भारतदीप’,ग्वालियर
athor and editor-Deepak "Bharatdeep",Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
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यह पाठ मूल रूप से इस ब्लाग‘दीपक भारतदीप की अंतर्जाल पत्रिका’ पर लिखा गया है। अन्य ब्लाग
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