वाशिंगटन हो या लंदन
मेलबोर्न हो वैलिंगटन
घिसा जाता है सभी जगह
अपने फायदे का चंदन।
अमन के लिये चारों तरफ नारे लगाये जाते
मगर डालरों में मोह में खुल जाते
दहशतगर्दों के बंधन।
बड़े लोग ढूंढ रहे सभी जगह अपने फायदे,
आम आदमी को काबू करने वास्ते बनाते वही कायदे,
अपनी दौलत शौहरत की रखवाली के लिये
अमीरों ने गरीबों को बनाया गुलाम
तय कर दिये, कागज पर शब्द लिखकर बंधन।
आग लगाकर बुझाने वालों से उम्मीद करना बेकार
न जाने जो हंसना, क्या जाने बेबस का क्रंदन।।
....................................
यह आलेख/हिंदी शायरी मूल रूप से इस ब्लाग ‘दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान-पत्रिका’पर लिखी गयी है। इसके अन्य कहीं प्रकाशन के लिये अनुमति नहीं है।
अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की हिंदी पत्रिका
2.दीपक भारतदीप का चिंतन
3.अनंत शब्दयोग
कवि और संपादक-दीपक भारतदीप
समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता है-पतंजलि योग सूत्र
(samadhi chenge life stile)Patanjali yog)
-
*समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता
है।-------------------योगश्चित्तवृत्तिनिरोशःहिन्दी में भावार्थ -चित्त की
वृत्तियों का निरोध (सर्वथा रुक ज...
3 years ago
No comments:
Post a Comment