समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

Tuesday, October 13, 2009

पुरानी याद-हिंदी साहित्यक कविता (purani yad-hindi sahitya kavita)

सपने जैसे शहर में
ख्वाब लगती उस इमारत की छत के नीचे
रौशनी की चमक से आंखें चुंधिया गयी हैं
फिर याद आती है
पीछे छोड़ आये उस शहर और घर की
जहां अंधेरे भी अक्सर आ जाते हैं।
राहें ऊबड़ खाबड़ है
गिरने का डर साथ लिये हर पल चलते जाते हैं
सपना जो सच बन कर सामने खड़ा है
फिर एक ख्वाब बन जायेगा
लौटकर कदम जाने हैं अपने शहर और घर
कितना अजीब है
अपना सच हमेशा साथ रहता है
चाहे भले ही सपनों की दुनियां में
सच होकर सामने आ जाये
ख्वाब जब हकीकत बनते हैं
तब भी पुरानी याद कहां छोड़ पाते हैं।
..........................


कवि और संपादक-दीपक भारतदीप,Gwalior
http://dpkraj.blogspot.com

यह आलेख/हिंदी शायरी मूल रूप से इस ब्लाग ‘दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान-पत्रिका’पर लिखी गयी है। इसके अन्य कहीं प्रकाशन के लिये अनुमति नहीं है।
अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की हिंदी पत्रिका
2.दीपक भारतदीप का चिंतन
3.अनंत शब्दयोग

No comments:

लोकप्रिय पत्रिकायें

विशिष्ट पत्रिकायें

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर