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दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

Tuesday, November 17, 2009

अहसास-हिंदी शायरी (ahsas-hindi shayri)

अपने पथ पर चलते हुए
उसके कठिन होने का होता है
सभी को अहसास,
मगर यहाँ किसकी ज़िन्दगी में 
फूल बिछे हैं 
जिन पर किसी के कदम चलते हैं
सच तो यह है कि  
हमेशा ही चारों ओर फ़ैली  सुगन्ध 
बिखरी  हरियाली 
बहुते
हुए पानी के झरने 

देखते  हुए भी मन उकता जाता है
दर्द के बिना भी  बुरा लगता है अहसास..
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कवि, लेखक और संपादक-दीपक भारतदीप,Gwalior
http://dpkraj.blogspot.com

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