समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

Friday, September 26, 2014

गांधी जयंती पर स्वच्छता अभियान प्रांरभ होना अच्छा प्रयास-हिन्दी चिंत्तन लेख(gandhi jayanti par swachchhata abhiyan prarambh hona achchha prayas-hindi chinttan lekh, A Special article on gandhi's birthday 2 october )



            2 अक्टूबर गांधी जयंती पर भारत में स्वच्छता अभियान प्रारंभ हो रहा है।  जीवन में स्वच्छता का  महत्व योग तथा अध्यात्मिक ज्ञान साधक अच्छी तरह जानते हैं।  देह की स्वच्छता मन और विचार में पवित्रता, शहर की स्वच्छता मनुष्यों के पारस्परिक संबंध में सौहार्द तथा उद्यान की स्वच्छता समाज के स्वास्थ्य में पवित्र भावनात्मक धारा प्रवाहित करती है।  अगर हम अपने आसपास विभिन्न लोगों की मानसिकता का अध्ययन करें तो यह निष्कर्ष सामने आता है कि रहन सहन का वातावरण सभी को प्रभावित करता है।  जिन्हें गंदे, प्रदूषित तथा असुरक्षित वातावरण में सांस लेना पड़ती है उनसे सद्व्यवहार की आशा करना ही व्यर्थ है।
            श्रीमद्भागवत् गीता में कहा गया है कि गुण ही गुणों में बरतते हैं।  इस आधार पर हम यह कह सकते हैं कि जिनकी सांसों में ही विष घुल रहा हो उनसे भद्र व्यवहार की आशा करना ही व्यर्थ होता है चाहे वह स्वयं ही क्यों न हों?
            आज प्रातःकाल उद्यान में घूमते हमें अपनी सांसों में शीतल हवा के मिश्रण से प्रसन्नता अनुभव हो रही थी कि अचानक कहीं से धुम्रपान की दुर्गंध ने उसे बाधित कर दिया।  हमनें दायें तरफ मुड़कर देखा तो एक बुजुर्ग सज्जन के पास से ही उसका उद्गम स्थल दिखाई दिया।  हमारे मन में उसे समय क्रोध आने से जो विचार क्रम  मस्तिष्क में चला अगर हम उसे वहां व्यक्त करते तो झगड़ा होता और अगर यहां लिखें तो अज्ञानी कहलायेंगे।  एक बार तो लगा कि हम उन सज्जन को बतायें कि वह कानून का उल्लंघन कर रहे हैं पर फिर लगा कि सुबह सुबह सांसरिक विषय से परे रहने की अपनी ही नीति का उल्लंघन करना ठीक नहीं है। यह काम उन लोगों को ही करना चाहिये जो प्रातःकाल की सैर में भी सांसरिक विषयों का चिंत्तन साथ लिये रहते हैं।
            अनेक बार हम देखते हैं दोपहर या सांयकाल उद्यान में सैर सपाटे के लिये लोग वहां खाने पीने के सामान के अवशेष वहीं छोड़ देते हैं।  उन्हें खाना याद रहता है पर सामान के अवशेष बाहर फैंककर प्रातःकाल आने वाले लोगों के चक्षुओं को कष्ट से दूर रहकर उन्हें अनुग्रहीत करने का विचार तक नहीं आता। भारत में मृत्युदर अधिक रही है और इसी कारण माना जाता है कि यहां की जनंसख्या बढ़ रही है। किसी समय हमारे यहां बच्चों की मृत्यु दर अधिक इसलिये लोग अपनी संतानों के जीवन को लेकर संशय के कारण अधिक बच्चे पैदा करते थे।  अब सभ्रातं वर्ग ने तो अपने लिये स्वच्छ घरों का निर्माण कर इस संशय से मुक्ति पा ली है पर सामान्य वर्ग में अब भी परिवार नियोजन को लेकर उदासीनता का भाव है।  यही कारण है कि हमारे यहां जनसंख्या अब भी बढ़ रही है।  समस्या यह है कि हमारे यहां अभी भी स्वच्छता को लेकर गंभीरता नहीं देखी जाती।
            महात्मा गांधी जी ने स्वचछता को महत्व दिया था।  स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर समाज में स्वच्छता रखनें का भाव हो तो बहुत हद तक रोगों पर  नियंत्रण रखा जा सकता है।  अध्यात्मिक साधकों का तो पहले से ही मानना है कि जिस वातावरण में मनुष्य रहेगा उसके प्रभाव या दुष्प्रभाव से वह बच नहीं सकता। हमें स्वच्छता का भाव केवल इसलिये नहीं लाना चाहिये कि समाज स्वस्थ रहे बल्कि यह सोचना चाहिये कि हम ही उससे लाभान्वित होंगे। एक बात निश्चित है कि स्वच्छता है तो सुंदरता है और सुंदरता है तो सद्भाव है और सद्भाव है तो यही धरती स्वर्ग है। हम आशा करते हैं कि स्वच्छता अभियान सफल होगा।


लेखक एवं कवि-दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप,
ग्वालियर मध्यप्रदेश
writer and poet-Deepak raj kukreja "Bharatdeep",Gwalior madhya pradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक ‘भारतदीप’,ग्वालियर  

athor and editor-Deepak  "Bharatdeep",Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com

No comments:

लोकप्रिय पत्रिकायें

विशिष्ट पत्रिकायें

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर