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दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

Thursday, April 24, 2008

दिल के फासले होते है ज्यादा-हिंदी शायरी

हमें क्या पता वह समय भी आयेगा
जब हम जमीन पर खड़े रह जायेंगे
उनका चेहरा आकाश में नजर आयेगा
हमें वह आकाश में उड़ते नजर आते हैं
पर हमारा चेहरा उनको वहां कैसे नजर आयेगा
हमारे दिल में आज भी उनके लिये जगह है
पर कौन उड़कर उनको यह बतायेगा
जमीन और आसमान की दूरी
बहुत होती ज्यादा
पर दिल के फासले उससे भी ज्यादा
हम उनके उड़ने पर बहुत खुश हैं
भला यह बात उनको कौन समझाएगा

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