अपनी रौशनी बेचने के लिए
पहले अँधेरे वह करवाते हैं
सौदागरों को जमाने से क्या मतलब
उन्हें तो अपनी चीज के दाम सुहाते हैं
आग लगाने का सामान हो या बुझाने का
दोनों ही वह बाजार में सजाते हैं
चैन और अमन कभी बाजार में नहीं मिलते
सुख और प्यार कहीं सजता नहीं
पर सौदागर इनको भी सजाते हैं
डुगडुगी बजाकर सन्देश सुनाने वाले
उनके प्रचार में झूठ को ही सच बताते हैं
ए, बाजारमें सौदा लेने वालों
पैसे के साथ अपनी अक्ल भी साथ ले जाना
चीजें खरीदना पर दिल न लगाना
सामान भी आदमी की तरह पुराने हो जाते हैं
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समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता है-पतंजलि योग सूत्र
(samadhi chenge life stile)Patanjali yog)
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*समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता
है।-------------------योगश्चित्तवृत्तिनिरोशःहिन्दी में भावार्थ -चित्त की
वृत्तियों का निरोध (सर्वथा रुक ज...
3 years ago
3 comments:
बहुत बढ़िया होली पर्व की आपको रंगीन हार्दिक शुभकामना
वाह...बहुत बड़ी बात कह दी आपने..होली भी मुबारक
achcha chintan hai.
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