नरक में मची थी उथल-पुथल
सब कर्मचारी थे परेशान
बढ़ता जा रहा था दिन-ब-दिन काम
धरती पर बढते पापों की वजह से
बहुत अधिक लोग भोगने आ रहे थे
अपने बुरे कर्मों का फ़ल
आखिर सबने की नरकपति से गुहार
''अब जगह बहुत कम
धरती पर पुण्य नाम को नहीं बचा
कौन अब स्वर्ग जाता है
पूरा पडा खाली
इसलिए वहां अपने लिये जगह बनवाओ
खाली करा लो एक दो तल
या फ़िर ब्लोग की तरह पापों की कुछ
श्रेणियां बना दो
और उनको पुण्य की श्रेणियों में रख दो
ताकि कुछ भले लोग स्वर्ग में जाकर भोगें फ़ल'
नरकपति ने बैठक की आहूत
जिसमें पहुंचे धरती से भी
नरक में जगह न मिलने की
वजह से बेदखल भूत
नरकपति ने कहा
''पहले तो यह बताओ
ब्लोगर कौनसा जीव है
जिसका पहले कभी नाम सुना नहीं है
नरक्-और स्वर्ग की लिस्ट मुझे जबानी याद है
उसमें इसका नाम नहीं है
उसका कर्म पाप है या पुण्य
कहीं दंडसंहिता में उसका विधान नहीं है''
धरती से आये एक भूत ने कहा
''महाराज मैं कई ब्लोगरों को जानता हूं
दिन भर उनके ब्लोग पर विचरण करने जाता हूं
कभी गुस्से में तो कभी प्रेम से
पोस्ट लिखते हैं
कभी प्रेम से कमेन्ट भी रखते हैं
पाप और पुण्य में तो तब लिखोगे
जब उनमें कामना होती
वह तो निष्काम कर्म किये जा रहे हैं
किसी को नहीं मिल रहा कोई फ़ल
पर श्रेणियां बना लेते हैं
मैं पता करता हूं क्या
कोई वह कोई पाप-पुण्य की
श्रेणियां बनाने मे भी रहें है क्या सफ़ल'
नरकपति ने कहा
''ठीक है पता कर आओ
पाप की श्रेणियों का
फ़िर से तय करो मापदंड
कुछ लोग स्वर्ग में जायें
और कुछ लोग भोगें यहाँ दंड का फ़ल
जैसा तुमने सुनाया उससे तो
अगर ब्लोगर निष्काम कर्म करते हैं तो
स्वर्ग में हीं जाकर भोगेंगे फ़ल '
वह भूत चला गया तो
दूसरा भूत बोला
'आप किस चक्कर में पड गये महाराज
वह एक ब्लोगर था
मैं आधी रात को उसके ब्लोग पर
विचरण कर रहा था
और वह सोते हुए भी वहां
अपनी देह छोड़ यह देखने आ गया
कि कोई कमेन्ट तो नहीं लगा गया
इतने में आयी आपकी पुकार
मैं निकला तो इसकी रूह भी लिंक हो गयी
अब तो यह अपना काम कर गया
आपने तो उसकी श्रेणी को स्वर्ग की बना दिया
यह अब वहीं जायेगा
आप का कहा तो ब्लोग पर
लगाई कमेन्ट की तरह है
जिसे वापस आप भी नहीं ले सकते
और यह डीलीट करेगा नही
बिना पाप श्रेणी का कर्म किये
यहां का हाल देख्ने में रहा सफ़ल
अब लिखेगा पोस्ट
हमें बना देगा भूत से घोस्ट
इसका ब्लोग हिट होकर चल देगा कल
नरकपति ने हैरान होकर पूछा
''पहले क्यों नहीं बताया
तुम्हारी वजह से ही
हमें चलाने में वह रहा सफ़ल'
भूत ने कहा
''आपकी मार्गदर्शिका में
सबसे निपटने की तरीके हैं
पर इस नये जीव ब्लोगर के बारे में
कुछ नहीं कहा
हम तो उतना ही चलें
जितनी भरी चाबी अपने
सब जीव तो धरती पर पैदा होते हैं
पर लगता है यह अन्तरिक्ष से उतरा है
आप इसके लिए कोई प्रोविजन करो
वरना इतने सारे ब्लोगर होते जा रहें है
धरती पर
कि स्वर्ग का भी भर जायेगा हर तल'
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आनंद उठाने का सबसे अच्छी तरीका यह है कि आप एकांत में जाकर ध्यान
लगायें-चिंत्तन (Anand Uthane ka tareeka-Chinttan)
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रोकड़ संकट बढ़ाओ ताकि मुद्रा का सम्मान भी बढ़ सके।
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हम वृंदावन में अनेक संत देखते हैं जो भल...
6 years ago
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