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दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

Friday, January 4, 2008

भारतीय खिलाडियों ने आस्ट्रेलिया की शिकायत क्यों नहीं की?

आखिर एंड्रू साईमंस ने हरभजन के खिलाफ शिकायत कर दी। अब कल उनके खिलाफ सुनवाई होगी। इस मामले में मुझे यह तर्क नहीं जमता की ऐसा तो आस्ट्रेलिया के खिलाड़ी भी करते हैं, क्योंकि फिर भारत के खिलाडियों ने कभी उनके खिलाफ शिकायत क्योंकि नहीं की?
एंड्रू साईमंस ने कई बार भारतीय खिलाडियों से बदतमीजी की है और वह उसे झेल जाते हैं। असल में उन्हें अपने अपमान से अधिक अपने पैसे कमाने की पडी रहती हैं। अक्सर भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ी विदेशी खिलाडियों के खिलाफ सार्वजनिक रूप से शिकायत तो करते हैं पर आधिकारिक रूप से शिकायत करने की बात आती है तो सब नाक भौं सिकोड़ लेते हैं-''क्रिकेट तो सभ्य लोगों का खेल है और इसमें यह सब चलता है।''
यही कारण है की इस दोनों देशों के खिलाडी ही प्रतिबंधों का शिकार होते हैं और कहते हैं कि इंग्लेंड और आस्ट्रेलिया के खिलाडियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं होती। सच तो यह बात है कि आज तक इन देशों के खिलाडियों के खिलाफ कभी शिकायत नहीं हुई। अगर अंपायर स्टीव बकनर इन देशों के पक्ष में गलती करता है तो शिकार होने वाले एशियाई देश कभी उसके खिलाफ शिकायत नहीं करते। अगर वह ऐसी गलतियां इन देशों के खिलाफ करता तो अभी तक उसे रास्ता नापना पड़ता। बाहर आकर प्रेस में शिकायत करने से कोई मतलब नहीं है जब तक कोई आधिकारिक शिकायत नहीं की जाती।
अब इससे तो यही स्पष्ट होता है की एशियाई देशों के खिलाड़ी अपने तथाकथित अपमान को कुछ न गिनते हुए केवल उसे अपने प्रचार के लिए इस्तेमाल करते हैं या इसमें सभी देशों के खिलाड़ी इसलिए शामिल हैं ताकि लोगों का खेल से इतर ध्यान लगाकर मनोरंजन कराया जाये, और एशिया के देश भी सोचते हैं की चलो अपने किसी खिलाड़ी को प्रतिबन्ध का सामना करना पडा तो उसकी जगह नया खिलाड़ी शामिल कर लें वैसे तो बाजार के दबाव में उनको शामिल नहीं कर पाते। इससे तो एक चीज और जाहिर होती है की क्रिकेट खेलने की जरूरत भारत को अधिक है क्योंकि यहाँ के बाजार को उससे बने बनाए माडल मिल जाते हैं और आस्ट्रेलिया वाले तो बिचारे इसका बोझ ढो रहे हैं। उनको कोई फायदा नहीं है अगर उनकी शिकायत कर अगर किसी खिलाडी को प्रतिबन्ध के दायरे में लाया गया तो हो सकता है कि वह क्रिकेट खेला छोड़ दें और तब तो क्रिकेट का भत्ता बैठ जायेगा ऐसे में हानि तो भारत में इस खेल से आर्थिक लाभ उठाने वालों को ही होगी। क्या इसलिए ही भारतीय खिलाड़ी अपने आत्मसम्मान को अनदेखा कर देते हैं। अगर नहीं तो आज तक आस्ट्रेलिया के खिलाडियों के खिलाफ शिकायत क्यों नहीं की?

1 comment:

राज भाटिय़ा said...

आत्मसम्मान खॊ कर,धन या नाम कमाया तो ऎसे धन ओर नाम पर लानत हे,इन लोगो को सबक तो एक दिन मे सीखा सकते हे लेकिन उस के लिये आत्मसम्मान चहिये,यह हे हमारे खिलाडियो मे? हा २०-२० मे नये खिलाडियो को देख कर लगा था यह हे नया खुन जो सम्मान से कह सके,हम मे हे दम हम से करो बात, लेकिन फ़िर पता नही कयो हमारे ही लोगो ने आपनो को ही बहिर कर दिया,
ओर गोरो की चापलुसी, एक बार बायकाट कर के देखो खेल से,भारत ओर पकिस्तान के बिना तो वेसे ही सुनी हे क्रिकेट.दम चाहिऎ

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