अपने सवाल तुम नहीं उठाओ
जितना हो सके उनसे परे हो जाओ
सीखो दूसरों के सवालों का जवाब देना
क्योंकि वही रास्ता जाता है
अध्ययन और मनन की तरफ
अपना सवाल उलझता है अपने अन्दर
कभी बाहर नहीं निकल पाता
घुटता है आदमी उसमें
इसलिए दूसरों के सवालों के
जवाबों की तलाश में लग जाओ
हर कोई ढूंढ रहा है यहाँ अपने मुकाम
देखता है बाहर
सोचता है अन्दर
विचारों से शून्य हैं सब
बोलने के के लिए सबके पास है
शब्दों का विशाल समंदर
सवालों से भरी है सबकी झोली
कोई नहीं बोलता जवाबों की बोली
तुम जवाबों की तलाश में लग जाओ
तुम सवाल-दर-सवाल करते रहोगे
कोई नहीं देगा जवाब
सारा दर्द अकेले ही सहोगे
कोई नहीं आयेगा तुम्हें समझाने
अपने लोग भी हो जायेंगे अनजाने
जब करोगे अध्ययन और मनन
निकलोगे दूसरों के सवालों का जवाब
अपने लिए भी ढूंढ लोगे
अपने लिए सभी ढूंढ रहे हैं कुछ न कुछ
तुम दूसरों की तलाश में लग जाओ
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समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता है-पतंजलि योग सूत्र
(samadhi chenge life stile)Patanjali yog)
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3 years ago
2 comments:
दीपक जी,रचना मे बढिया विचार प्रेषित किए हैं।
अति उत्तम विचार.....
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