फिर हुआ है शहर में विस्फोट
इसलिये
आओ एकता की अपील के लिये
कुछ नये शब्द चुनें
जिनसे नयापन लगे
तभी लोगों को समझा पायेंगे।
एक जैसे शब्द लिखते हुए
बीत गये बहुत सारे वर्ष
इसलिये उनका प्रभाव नहीं दिखता
हम होंगे कामयाब तभी
जब नयापन लायेंगे।
हादसे रोकना हमारे बस में नहीं है
पर एकता की अपीलों में
हम अपना पूरा दम दिखायेंगे।
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कवि, लेखक और संपादक-दीपक भारतदीप,Gwalior
http://dpkraj.blogspot.com
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