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दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

Friday, August 29, 2008

अपने मतलब होते गहरे-हिंदी शायरी

उनके हैं सुंदर चेहरे

पर दिल पर हैं काली नीयत के पहरे

मुस्कराती आंखों के पीछे हैं

कुटिल भाव ठहरे

तुम्हारी सुनते लगते हैं

पर कान हैं उनके बहरे

लच्छेदार बातों से मन बहलाते हैं

सपने दिखाते महलों में बसाने के

तरीके बताते हैं जिंदगी में

चालाकियों के दांव आजमाने के

संवारने का दावा करते हैं जिंदगी

आ जाते हैं बहुत करीब

जैसे पितृपुरुष हों

पर उनके अपने मतलब होते गहरे

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1 comment:

seema gupta said...

मुस्कराती आंखों के पीछे हैं
कुटिल भाव ठहरे
" poetry containing deep meanings, liked it"
ankhen to hotee hain dil juban,....

Regards

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